Sunday, September 20, 2009

पूछा था उसने !!!



मेरे रुखसत के बख़त
पूछा था उसने,
" जा रहे हो जाने के लिए ? "
या
" जा रहे हो आने के लिए ? "

तमाम दिन अब तो जल चुके है सूरज के तले
लेकिन हर रात
उसके वो आख़िरी लफ्ज़
टिमटिमाते हैं जहन में तारों की तरह.

" जा रहे हो जाने के लिए ? "
या
" जा रहे हो आने के लिए ? "

मैं रोज़ दर रोज़
करवट बदल,आँखों को ढक सो जाता हूँ.
फिर भी,
कभी कभी,
देर रात पाया है मैंनै
खुद को खड़े हुए
ड्योढ़ी पे.
- यात्री

Thursday, September 10, 2009

"बुद्ध" और "बुद्धू" !!



"बुद्ध" और "बुद्धू" शब्द में
गौर से देखो
ज़रा सा ही अंतर है बस ,
जैसे लगता है बुद्धू से ही
जनम लिया है बुद्ध ने|
एक वाज़िब सा प्रश्‍न उठता है
जहन में मेरे.....
क्या सिद्धार्थ बुद्ध होने से पहले
बुद्धू रहे होंगे ??

आज कल तो कोई बुद्धू नही
होना चाहता.

-यात्री