Thursday, February 04, 2010

एक आम उम्दा इंसान !!!


एक आम उम्दा इंसान को
बिना बताए
बाँधा जाता है
धरम और रीति रिवाज़ों की महीन
सुतली से पहले,
फिर "Sir Name" का बारूदी पलीता
टाँक कर
तब्दील किया जाता है
एक आम उम्दा इंसान को
एक ख़तरनाक सुतली बॉम्ब में.

बहुत रिस्की है अब इस
आम उम्दा इंसान का
रोज़ी रोटी के लिए भी घर से निकलना,
हर मोड़ पे है आजकल छुपा हुआ
चिंगारियों का एक झरना.

-यात्री

4 comments:

achala nupur said...
This comment has been removed by the author.
Arpit said...

awesome...

Yayaver said...

Savendana jud gaye..

Nameless... fameless!! said...

too gud buddy!! maza aaga padkar:)
keep it up.