Saturday, September 18, 2010

My Poem : उफान !!!

नदिया उफान मारती रहेगी
जब तक ना मिलेगी
समंदर से,
किसी ने देखा है 
समंदर में घुली नदी
को मारते उफान...

- यात्री

Wednesday, September 15, 2010

My Poem :सारे रास्ते...

सारे रास्ते जा रहे हैं
मंज़िलों को,
चुनो वो
जिसमे रस हो ..

- यात्री

Friday, September 10, 2010

My Poem : और एक दिन !!!

और एक दिन 
ईश्वर 
खुद आता है
दरवाजे पे तुम्हारे
पूछने
"बोलो क्या चाहिए तुम्हे..??"
और हम सब
हर बार माँग ही लेते हैं
कुछ ना कुछ.. 

-यात्री :)