वो होना चाहता था "ब्रेक फ्री"
उसने बाक़ायदा चिन्हित की
एक एक करके
सारी बेड़ियाँ ,
फिर पूरे प्रयत्न से
खोल दी
तोड़ दी
एक एक करके
वो सारी बेड़ियाँ,
अब कोई बंधन नही
लेकिन फिर भी वो मुक्त नही
बल्कि स्तब्ध है,
जानकार ये
वो बेड़ियों से नही बँधा था......
-यात्री
3 comments:
Nice to find your post after so long...
nicely put.. looks like u r saying on urself abt ur career shift :)
likhte raho miya!!
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