Thursday, August 26, 2010

A beautiful poem by Fernando Pesoa

ईश्वर के बारे में सोचना उसकी अवग्या करना है,
क्योंकि ईश्वर चाहता था हम उसे ना जाने
और इसलिए उसने अपने आप को हमारे सम्मुख प्रकट नही किया
चलो, शांत और साधारण हुआ जाए
चलो,नदी और पेड़ हुआ जाए
और इसके लिए ईश्वर हमे प्रेम करेगा
हमे नदियों और पेड़ों जितना सुंदर बना देगा
और हमे देगा अपने बसंत का हरापन
और जाने के लिए एक नदी
जब यहाँ हमारा काम ख़तम हो चुका होगा 

-फ़र्नांडो पेसोआ


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