Yaatri
One,who has completed the journey!!
Thursday, August 26, 2010
My Poem : जान पहचान !!
जान पहचान थी नही
इसलिए
सब वक़्त निपट गया
गाते बजाते,
जान पहचान होती
तो वक़्त कम पड़ता
ग़लतियों की जूं निकलते
- यात्री :)
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